श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 102: श्रीराम की आज्ञा से भरत और लक्ष्मण द्वारा कुमार अङ्गद और चन्द्रकेतु की कारुपथ देश के विभिन्न राज्यों पर नियुक्ति  »  श्लोक 13
 
 
श्लोक  7.102.13 
 
 
लक्ष्मणस्त्वङ्गदीयायां संवत्सरमथोषित:।
पुत्रे स्थिते दुराधर्षे अयोध्यां पुनरागमत्॥ १३॥
 
 
अनुवाद
 
  लक्ष्मण जी अंगदीयापुरी में एक वर्ष तक रहे और जब उनके पराक्रमी पुत्र अंगद ने राज्य का दृढ़ता से संभालना शुरू कर दिया, तब वो वापस अयोध्या लौट आये।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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