श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 100: केकयदेश से ब्रह्मर्षि गार्ग्य का भेंट लेकर आना और उनके संदेश के अनुसार श्रीराम की आज्ञा से कुमारों सहित भरत का गन्धर्व देश पर आक्रमण करने के लिये प्रस्थान  »  श्लोक 24
 
 
श्लोक  7.100.24 
 
 
सिंहव्याघ्रवराहाणां खेचराणां च पक्षिणाम्।
बहूनि वै सहस्राणि सेनाया ययुरग्रत:॥ २४॥
 
 
अनुवाद
 
  सिंह, बाघ, जंगली सूअर और आकाश में उड़ने वाले पक्षी सेना के आगे-आगे हजारों की संख्या में चल रहे थे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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