श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 99: श्रीराम और रावण का युद्ध  »  श्लोक 49-50
 
 
श्लोक  6.99.49-50 
 
 
तदस्त्रं निहतं दृष्ट्वा रामेणाक्लिष्टकर्मणा॥ ४९॥
हृष्टा नेदुस्तत: सर्वे कपय: कामरूपिण:।
सुग्रीवाभिमुखा वीरा: सम्परिक्षिप्य राघवम्॥ ५०॥
 
 
अनुवाद
 
  अनायास ही महान कार्यों को करने वाले भगवान राम ने उस आसुरी अस्त्र को नष्ट कर दिया। यह देखकर वानरों में उत्साह का संचार हो गया। सभी वानर अपने मनचाहे रूप धारण कर राम के चारों ओर घूमने लगे। सुग्रीव राम के सामने खड़े हो गए और उन्हें प्रणाम किया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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