श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 99: श्रीराम और रावण का युद्ध  »  श्लोक 32
 
 
श्लोक  6.99.32 
 
 
उभौ हि परमेष्वासावुभौ युद्धविशारदौ।
उभावस्त्रविदां मुख्यावुभौ युद्धे विचेरतु:॥ ३२॥
 
 
अनुवाद
 
  दोनों ही धनुर्धर श्रेष्ठ हैं और दोनों ही युद्ध कला में निपुण हैं। दोनों ही अस्त्र-शस्त्रों के ज्ञाता हैं; इसलिए दोनों ही उत्साह से युद्ध के मैदान में विचर रहे हैं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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