श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 97: सुग्रीव के साथ महोदर का घोर युद्ध तथा वध  »  श्लोक 21-22
 
 
श्लोक  6.97.21-22 
 
 
गदां तां सुमहाघोरामापतन्तीं महाबल:।
सुग्रीवो रोषताम्राक्ष: समुद्यम्य महाहवे॥ २१॥
आजघान गदां तस्य परिघेण हरीश्वर:।
पपात तरसा भिन्न: परिघस्तस्य भूतले॥ २२॥
 
 
अनुवाद
 
  गदा को अपनी ओर आता देख युद्ध में शक्तिशाली वानरराज सुग्रीव के नेत्र क्रोध से लाल हो गये और उन्होंने अपना परिघ उठाया और उसके द्वारा राक्षस की गदा पर प्रहार किया। वह गदा गिर गई; किंतु उसके बल से टकराकर सुग्रीव का परिघ भी टूटकर पृथ्वी पर गिर पड़ा।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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