श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 95: रावण का अपने मन्त्रियों को बुलाकर शत्रुवधवि षयक अपना उत्साह प्रकट करना और सबके साथ रणभूमि में आकर पराक्रम दिखाना  »  श्लोक 39
 
 
श्लोक  6.95.39 
 
 
रावणेनाभ्यनुज्ञातौ महापार्श्वमहोदरौ।
विरूपाक्षश्च दुर्धर्षो रथानारुरुहुस्तदा॥ ३९॥
 
 
अनुवाद
 
  रावण के आदेश पर महापार्श्व, महोदर और दुर्धर्ष वीर विरूपाक्ष - ये तीनों ही उस समय अपने-अपने रथों पर सवार हो गए।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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