वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 6: युद्ध काण्ड
»
सर्ग 95: रावण का अपने मन्त्रियों को बुलाकर शत्रुवधवि षयक अपना उत्साह प्रकट करना और सबके साथ रणभूमि में आकर पराक्रम दिखाना
»
श्लोक 39
श्लोक
6.95.39
रावणेनाभ्यनुज्ञातौ महापार्श्वमहोदरौ।
विरूपाक्षश्च दुर्धर्षो रथानारुरुहुस्तदा॥ ३९॥
अनुवाद
play_arrowpause
रावण के आदेश पर महापार्श्व, महोदर और दुर्धर्ष वीर विरूपाक्ष - ये तीनों ही उस समय अपने-अपने रथों पर सवार हो गए।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.