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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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श्लोक 40
श्लोक
6.94.40
प्राप्तकालं कृतं तेन पौलस्त्येन महात्मना।
यत एव भयं दृष्टं तमेव शरणं गत:॥ ४०॥
अनुवाद
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पौलस्त्य महात्मा विभीषण ने समयोचित कार्रवाई की। उन्होंने जिससे डर दिखाई दिया, उसी की शरण में चले गए।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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