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श्लोक 28
श्लोक
6.94.28
उत्पाताश्चापि दृश्यन्ते रावणस्य रणे रणे।
कथयन्ति हि रामेण रावणस्य निबर्हणम्॥ २८॥
अनुवाद
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रावण के प्रत्येक युद्ध में दिखाई देने वाले उत्पात या असामान्य घटनाएँ असल में भगवान राम द्वारा रावण के विनाश के संकेत हैं। इन उत्पातों से यह निश्चित हो जाता है कि रावण का नाश हाथों-हाथ होना है।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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