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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 6: युद्ध काण्ड
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सर्ग 92: रावण का शोक तथा सुपार्श्व के समझाने से उसका सीता-वध से निवृत्त होना
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श्लोक 1
श्लोक
6.92.1
तत: पौलस्त्यसचिवा: श्रुत्वा चेन्द्रजितो वधम्।
आचचक्षुरभिज्ञाय दशग्रीवाय सत्वरा:॥ १॥
अनुवाद
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तब रावण के मंत्रीगण इंद्रजित के वध का समाचार सुनकर, स्वयं जाकर प्रत्यक्ष देखकर निश्चय कर लेने के पश्चात तीव्र गति से जाकर दशमुख रावण को सारा हाल कह सुनाया।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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