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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 6: युद्ध काण्ड
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सर्ग 90: इन्द्रजित और लक्ष्मण का भयंकर युद्ध तथा इन्द्रजित का वध
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श्लोक 80
श्लोक
6.90.80
हतमिन्द्रजितं दृष्ट्वा शयानं च रणक्षितौ।
राक्षसानां सहस्रेषु न कश्चित् प्रत्यदृश्यत॥ ८०॥
अनुवाद
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इन्द्रजित के मारे जाने और युद्ध के मैदान में पड़े रहने को देखकर हजारों राक्षसों में से कोई भी वहाँ खड़ा नहीं दिखाई दिया।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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