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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 6: युद्ध काण्ड
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सर्ग 90: इन्द्रजित और लक्ष्मण का भयंकर युद्ध तथा इन्द्रजित का वध
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श्लोक 71
श्लोक
6.90.71
तच्छिर: सशिरस्त्राणं श्रीमज्ज्वलितकुण्डलम्।
प्रमथ्येन्द्रजित: कायात् पातयामास भूतले॥ ७१॥
अनुवाद
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इन्द्रजित के सिर को काटकर धराशायी कर दिया। इन्द्र का तेजस्वी अस्त्र जैसे ही धनुष से निकला, उसी क्षण चमकदार कुण्डलों से युक्त तथा सिर पर शिरस्त्राण धारण किये इन्द्रजित का सिर धड़ से अलग होकर पृथ्वी पर गिर गया।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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