श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 90: इन्द्रजित और लक्ष्मण का भयंकर युद्ध तथा इन्द्रजित का वध  »  श्लोक 52
 
 
श्लोक  6.90.52 
 
 
संनिपातस्तयोश्चासीच्छरयोर्घोररूपयो:।
सधूमविस्फुलिङ्गश्च तज्जोऽग्निर्दारुणोऽभवत्॥ ५२॥
 
 
अनुवाद
 
  दोनों भयावह बाणों की जब टक्कर हुई, तो उससे एक भयंकर अग्नि प्रकट हुई; जिससे धुआँ उठने लगा और चिंगारियाँ दिखाई देने लगीं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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