श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 90: इन्द्रजित और लक्ष्मण का भयंकर युद्ध तथा इन्द्रजित का वध  »  श्लोक 46
 
 
श्लोक  6.90.46 
 
 
स पितृव्यस्य संक्रुद्ध इन्द्रजिच्छरमाददे।
उत्तमं रक्षसां मध्ये यमदत्तं महाबल:॥ ४६॥
 
 
अनुवाद
 
  तब पराक्रमी इन्द्रजीत अपने चाचा के प्रति अत्यंत क्रोधित हुआ। उसने राक्षसों के बीच में यमराज द्वारा दिया गया उत्तम बाण अपने हाथ में लिया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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