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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 6: युद्ध काण्ड
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सर्ग 90: इन्द्रजित और लक्ष्मण का भयंकर युद्ध तथा इन्द्रजित का वध
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श्लोक 42
श्लोक
6.90.42
स हताश्वादवप्लुत्य रथान्निहतसारथे:।
अथ शक्तिं महातेजा: पितृव्याय मुमोच ह॥ ४२॥
अनुवाद
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उस रथ से कूद पड़े, जिसके घोड़े मारे जा चुके थे और जिस सारथी को पहले ही मार डाला गया था, तब महातेजस्वी इन्द्रजित ने अपने चाचा पर शक्ति का प्रहार किया।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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