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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 6: युद्ध काण्ड
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सर्ग 90: इन्द्रजित और लक्ष्मण का भयंकर युद्ध तथा इन्द्रजित का वध
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श्लोक 39
श्लोक
6.90.39
तत: समरकोपेन संयुतो रावणात्मज:।
विभीषणं त्रिभिर्बाणैर्विव्याध वदने शुभे॥ ३९॥
अनुवाद
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रावण के पुत्र ने समर में क्रोधित होकर विभीषण के सुंदर मुख पर तीन बाणों से प्रहार किया।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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