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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 6: युद्ध काण्ड
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सर्ग 90: इन्द्रजित और लक्ष्मण का भयंकर युद्ध तथा इन्द्रजित का वध
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श्लोक 18
श्लोक
6.90.18
सोऽन्यत्कार्मुकमादाय सज्यं चक्रे त्वरन्निव।
तदप्यस्य त्रिभिर्बाणैर्लक्ष्मणो निरकृन्तत॥ १८॥
अनुवाद
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देखते ही देखते उस दानव ने तुरंत ही एक और धनुष उठाया और उसपर प्रत्यञ्चा चढ़ाई; परंतु लक्ष्मण ने तीन बाण मारकर उसके उस धनुष को भी काट डाला।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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