श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 89: विभीषण का राक्षसों पर प्रहार, उनका वानरयूथ पतियों को प्रोत्साहन देना, लक्ष्मण द्वारा इन्द्रजित के सारथि का और वानरों द्वारा उसके घोड़ों का वध  »  श्लोक 24
 
 
श्लोक  6.89.24 
 
 
स सम्प्रहारस्तुमुल: संजज्ञे कपिरक्षसाम्।
देवासुराणां क्रुद्धानां यथा भीमो महास्वन:॥ २४॥
 
 
अनुवाद
 
  वानर और राक्षसों के बीच का वो महायुद्ध क्रोधित देवताओं और असुरों के बीच होने वाले संग्राम की तरह बहुत भयानक हो गया था। उसमें बहुत जोर-जोर से भयानक शोर हो रहा था।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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