‘जम्बुमाली, महामाली, तीक्ष्णवेग, अशनिप्रभ, सुप्तघ्न, यज्ञकोप, राक्षस वज्रदंष्ट्र, संह्रादी, विकट, अरिघ्न, तपन, मन्द, प्रघास, प्रघस, प्रजङ्घ, जङ्घ, दुर्जय अग्निकेतु, पराक्रमी रश्मिकेतु, विद्युज्जिह्व, द्विजिह्व, राक्षस सूर्यशत्रु, अकम्पन, सुपार्श्व, निशाचर चक्रमाली, कम्पन तथा वे दोनों शक्तिशाली वीर देवान्तक और नरान्तक—ये सभी मारे जा चुके हैं॥ ११—१४॥ |