श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 86: वानरों और राक्षसों का युद्ध, हनुमान्जी के द्वारा राक्षस सेना का संहार और उनका इन्द्रजित को द्वन्द्वयुद्ध के लिये ललकारना तथा लक्ष्मण का उसे देखना  »  श्लोक 16
 
 
श्लोक  6.86.16 
 
 
स भीमकार्मुकशर: कृष्णाञ्जनचयोपम:।
रक्तास्यनयनो भीमो बभौ मृत्युरिवान्तक:॥ १६॥
 
 
अनुवाद
 
  इन्द्रजित के हाथों में भयंकर धनुष और बाण थे। वह काले कोयले के ढेर के समान दिखता था। उसके मुंह और आंखें लाल थीं। वह राक्षस विनाशकारी मृत्यु के समान भयानक लग रहा था।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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