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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 6: युद्ध काण्ड
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सर्ग 83: सीता के मारे जाने की बात सुनकर श्रीराम का शोक से मूर्च्छित होना और लक्ष्मण का उन्हें समझाते हुए पुरुषार्थ के लिये उद्यत होना
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श्लोक 39
श्लोक
6.83.39
हर्ष: कामश्च दर्पश्च धर्म: क्रोध: शमो दम:।
अर्थादेतानि सर्वाणि प्रवर्तन्ते नराधिप॥ ३९॥
अनुवाद
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नरेश्वर! हर्ष, काम, दर्प, धर्म, क्रोध, शम और दम - ये सभी गुण धन से ही सार्थक और सफल होते हैं। इसीलिए कहा गया है कि धन ही सब कुछ है।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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