देवता यह देखकर हर्षित हुए, जैसे वज्र से आहत पर्वत बिखर जाता है, उसी प्रकार निशाचर मकराक्ष जो खर का पुत्र था, दशरथकुमार श्रीरामचन्द्र के बाणों से मार डाला गया।
इत्यार्षे श्रीमद्रामायणे वाल्मीकीये आदिकाव्ये युद्धकाण्डे एकोनाशीतितम: सर्ग: ॥ ७ ९॥
इस प्रकार श्रीवाल्मीकिनिर्मित आर्षरामायण आदिकाव्यके युद्धकाण्डमें उन्नासीवाँ सर्ग पूरा हुआ ॥ ७ ९॥