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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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सर्ग 78: रावण की आज्ञा से मकराक्ष का युद्ध के लिये पत्र थान
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श्लोक 7
श्लोक
6.78.7
तस्य तद् वचनं श्रुत्वा बलाध्यक्षो निशाचर:।
स्यन्दनं च बलं चैव समीपं प्रत्यपादयत्॥ ७॥
अनुवाद
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मकरध्वज के इन वचनों को सुनकर निशाचरों का सेनापति रथ और सेना के साथ उसके पास पहुँच गया।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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