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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 6: युद्ध काण्ड
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सर्ग 78: रावण की आज्ञा से मकराक्ष का युद्ध के लिये पत्र थान
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श्लोक 12
श्लोक
6.78.12
अद्य शूलनिपातैश्च वानराणां महाचमूम्।
प्रदहिष्यामि सम्प्राप्तां शुष्केन्धनमिवानल:॥ १२॥
अनुवाद
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जैसे आग सूखी लकड़ी को जला देती है, उसी प्रकार आज मैं अपने शूलों के प्रहार से सामने आई हुई वानरों की विशाल सेना को जलाकर राख कर दूंगा।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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