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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 6: युद्ध काण्ड
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सर्ग 77: हनुमान् के द्वारा निकुम्भ का वध
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श्लोक 20
श्लोक
6.77.20
आत्मानं मोक्षयित्वाथ क्षितावभ्यवपद्यत।
हनूमानुन्ममाथाशु निकुम्भं मारुतात्मज:॥ २०॥
अनुवाद
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फिर श्री हनुमानजी ने अपने शरीर को रावण के चंगुल से छुड़ाकर पृथ्वी पर कूद पड़े। इसके बाद हनुमानजी के पुत्र मारुतात्मज ने तुरंत निकुम्भ नामक राक्षस को मार गिराया।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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