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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 6: युद्ध काण्ड
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सर्ग 77: हनुमान् के द्वारा निकुम्भ का वध
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श्लोक 11
श्लोक
6.77.11
परिघोपमबाहुस्तु परिघं भास्करप्रभम्।
बली बलवतस्तस्य पातयामास वक्षसि॥ ११॥
अनुवाद
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निकुम्भ के हाथ पहिये के समान विशाल एवं शक्तिशाली थे। उस महाबलशाली राक्षस ने सूर्य के समान तेजस्वी पहिये को वीर हनुमान जी की छाती पर दे मारा।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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