श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 76: अङ्गद के द्वारा कम्पन और प्रजङ्घका द्विविद के द्वारा शोणिताक्षका, मैन्द के द्वारा यूपाक्षका और सुग्रीव के द्वारा कुम्भ का वध  »  श्लोक 94
 
 
श्लोक  6.76.94 
 
 
तस्मिन् हते भीमपराक्रमेण
प्लवंगमानामृषभेण युद्धे।
मही सशैला सवना चचाल
भयं च रक्षांस्यधिकं विवेश॥ ९४॥
 
 
अनुवाद
 
  भयंकर पराक्रमी वानरराज सुग्रीव ने युद्ध में उस राक्षस को मार डाला। तब सारी पृथ्वी पर्वत और वनों सहित काँप उठी और राक्षसों के हृदय में अत्यधिक भय समा गया।
 
 
इत्यार्षे श्रीमद्रामायणे वाल्मीकीये आदिकाव्ये युद्धकाण्डे षट्सप्ततितम: सर्ग: ॥ ७ ६॥
इस प्रकार श्रीवाल्मीकिनिर्मित आर्षरामायण आदिकाव्यके युद्धकाण्डमें छिहत्तरवाँ सर्ग पूरा हुआ ॥ ७ ६॥
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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