भयंकर पराक्रमी वानरराज सुग्रीव ने युद्ध में उस राक्षस को मार डाला। तब सारी पृथ्वी पर्वत और वनों सहित काँप उठी और राक्षसों के हृदय में अत्यधिक भय समा गया।
इत्यार्षे श्रीमद्रामायणे वाल्मीकीये आदिकाव्ये युद्धकाण्डे षट्सप्ततितम: सर्ग: ॥ ७ ६॥
इस प्रकार श्रीवाल्मीकिनिर्मित आर्षरामायण आदिकाव्यके युद्धकाण्डमें छिहत्तरवाँ सर्ग पूरा हुआ ॥ ७ ६॥