वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 6: युद्ध काण्ड
»
सर्ग 76: अङ्गद के द्वारा कम्पन और प्रजङ्घका द्विविद के द्वारा शोणिताक्षका, मैन्द के द्वारा यूपाक्षका और सुग्रीव के द्वारा कुम्भ का वध
»
श्लोक 87
श्लोक
6.76.87
तस्य वर्म च पुस्फोट संजज्ञे चापि शोणितम्।
तस्य मुष्टिर्महावेग: प्रतिजघ्नेऽस्थिमण्डले॥ ८७॥
अनुवाद
play_arrowpause
इससे वानरराज सुग्रीव का कवच टूट गया और उनकी छाती से खून बहने लगा। बाली का तेज और बलशाली मुक्का सुग्रीव की हड्डियों पर बहुत जोर से लगा था।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.