श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 76: अङ्गद के द्वारा कम्पन और प्रजङ्घका द्विविद के द्वारा शोणिताक्षका, मैन्द के द्वारा यूपाक्षका और सुग्रीव के द्वारा कुम्भ का वध  »  श्लोक 83
 
 
श्लोक  6.76.83 
 
 
तयो: पादाभिघाताच्च निमग्ना चाभवन्मही।
व्याघूर्णिततरङ्गश्च चुक्षुभे वरुणालय:॥ ८३॥
 
 
अनुवाद
 
  उन दोनों के पैरों के प्रहार से धरती नीचे को धँसने लगी। वरुणालय समुद्र में झूमती हुई तरंगों से भर गया और उफान आ गया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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