अंगद की भौंहों से रक्त बहने लगा और उनकी आँखें बंद हो गईं। तब उन्होंने एक हाथ से खून से भीगी हुई अपनी दोनों आँखों को ढक लिया और दूसरे हाथ से पास ही खड़े हुए एक साल के वृक्ष को पकड़ा। फिर छाती से दबाकर तने सहित उस वृक्ष को कुछ झुका दिया और उस महासमर में एक ही हाथ से उसे उखाड़ लिया॥