श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 76: अङ्गद के द्वारा कम्पन और प्रजङ्घका द्विविद के द्वारा शोणिताक्षका, मैन्द के द्वारा यूपाक्षका और सुग्रीव के द्वारा कुम्भ का वध  »  श्लोक 33
 
 
श्लोक  6.76.33 
 
 
तौ शोणिताक्षयूपाक्षौ प्लवंगाभ्यां तरस्विनौ।
चक्रतु: समरे तीव्रमाकर्षोत्पाटनं भृशम्॥ ३३॥
 
 
अनुवाद
 
  दोनों वीर सोणिताक्ष और यूुपाक्ष, वानर मैंद और द्विविद के साथ युद्ध के मैदान में बड़ी तेजी से लड़े और एक-दूसरे पर वार किया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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