श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 76: अङ्गद के द्वारा कम्पन और प्रजङ्घका द्विविद के द्वारा शोणिताक्षका, मैन्द के द्वारा यूपाक्षका और सुग्रीव के द्वारा कुम्भ का वध  »  श्लोक 28
 
 
श्लोक  6.76.28 
 
 
स यूपाक्षोऽश्रुपूर्णाक्ष: पितृव्ये निहते रणे।
अवरुह्य रथात् क्षिप्रं क्षीणेषु: खड्गमाददे॥ २८॥
 
 
अनुवाद
 
  रणभूमि में अपने चाचा प्रजंग के मारे जाने पर यूपाक्ष की आँखों में आँसू भर आये। उसके बाण समाप्त हो चुके थे। इसलिए उसने तुरंत ही रथ से उतरकर हाथ में तलवार ले ली।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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