श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 76: अङ्गद के द्वारा कम्पन और प्रजङ्घका द्विविद के द्वारा शोणिताक्षका, मैन्द के द्वारा यूपाक्षका और सुग्रीव के द्वारा कुम्भ का वध  »  श्लोक 21
 
 
श्लोक  6.76.21 
 
 
सृष्टान् द्विविदमैन्दाभ्यां द्रुमानुत्पाटॺ वीर्यवान्।
बभञ्ज गदया मध्ये शोणिताक्ष: प्रतापवान्॥ २१॥
 
 
अनुवाद
 
  बलशाली और तेजस्वी शोणिताक्ष ने अपनी गदा से उन सभी वृक्षों को बीच में ही तोड़ दिया, जिन्हें मैंद और द्विविद ने उखाड़-उखाड़ कर राक्षसों पर चलाया था।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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