श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 75: लङ्कापुरी का दहन तथा राक्षसों और वानरों का भयंकर युद्ध  »  श्लोक 2
 
 
श्लोक  6.75.2 
 
 
यतो हत: कुम्भकर्ण: कुमाराश्च निषूदिता:।
नेदानीमुपनिर्हारं रावणो दातुमर्हति॥ २॥
 
 
अनुवाद
 
  कुम्भकर्ण मारा गया और राजा रावण के बेटे भी युद्ध में मृत्यु को प्राप्त हो चुके हैं। ऐसे में रावण के पास अब लंकापुरी की रक्षा करने की कोई व्यवस्था नहीं है।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.