श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 71: अतिकाय का भयंकर युद्ध और लक्ष्मण के द्वारा उसका वध  »  श्लोक 97
 
 
श्लोक  6.71.97 
 
 
स वृष्यमाणो बाणौघैरतिकायो महाबल:।
अवध्यकवच: संख्ये राक्षसो नैव विव्यथे॥ ९७॥
 
 
अनुवाद
 
  अतिकाय राक्षस अति बलवान था और उसका कवच ऐसा अभेद्य था कि युद्ध के मैदान में बाणों की वर्षा होने पर भी वह व्यथित नहीं होता था।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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