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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 6: युद्ध काण्ड
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सर्ग 71: अतिकाय का भयंकर युद्ध और लक्ष्मण के द्वारा उसका वध
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श्लोक 80
श्लोक
6.71.80
तान् शरान् युधि सम्प्रेक्ष्य निकृत्तान् रावणात्मज:।
चुकोप त्रिदशेन्द्रारिर्जग्राह निशितं शरम्॥ ८०॥
अनुवाद
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रावण के पुत्र मेघनाद ने युद्ध में अपने बाणों को कटा हुआ देखकर बहुत क्रोध किया और उसने हाथ में एक तेज़ धार वाला बाण लिया।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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