श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 71: अतिकाय का भयंकर युद्ध और लक्ष्मण के द्वारा उसका वध  »  श्लोक 47
 
 
श्लोक  6.71.47 
 
 
क्रुद्ध: सौमित्रिरुत्पत्य तूणादाक्षिप्य सायकम्।
पुरस्तादतिकायस्य विचकर्ष महद्धनु:॥ ४७॥
 
 
अनुवाद
 
  क्रुद्ध होकर सौमित्रि अर्थात् लक्ष्मण उछलकर आगे बढ़े और तीव्र गति से तरकस से बाण निकालकर अति विशालकाय रावण के सामने आ गए और अपने विशाल धनुष पर बाण को चढ़ाकर धनुष खींचने लगे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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