श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 71: अतिकाय का भयंकर युद्ध और लक्ष्मण के द्वारा उसका वध  »  श्लोक 40
 
 
श्लोक  6.71.40 
 
 
तेषां वृक्षांश्च शैलांश्च शरै: कनकभूषणै:।
अतिकायो महातेजाश्चिच्छेदास्त्रविदां वर:॥ ४०॥
 
 
अनुवाद
 
  परंतु शस्त्रास्त्रों के ज्ञाता श्रेष्ठ महातेजस्वी अतिकाय ने सोने से सुसज्जित अपने बाणों से वानरों द्वारा चलाये हुए वृक्षों और पर्वत-शिखरों को काटकर गिरा दिया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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