श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 71: अतिकाय का भयंकर युद्ध और लक्ष्मण के द्वारा उसका वध  »  श्लोक 37
 
 
श्लोक  6.71.37 
 
 
ततोऽतिकायो बलवान् प्रविश्य हरिवाहिनीम्।
विस्फारयामास धनुर्ननाद च पुन: पुन:॥ ३७॥
 
 
अनुवाद
 
  जब विभिषण और भगवान श्रीराम के बीच ये बातें हो रही थीं, तभी अति बलवान अतिकाय वानरों की सेना में घुस आया और बार-बार गरजना करते हुए अपने धनुष पर तीर लगाये जाने की आवाज़ करता हुआ तीर चलाने लगा।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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