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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 6: युद्ध काण्ड
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सर्ग 71: अतिकाय का भयंकर युद्ध और लक्ष्मण के द्वारा उसका वध
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श्लोक 15
श्लोक
6.71.15
धनूंषि चास्य सज्जानि हेमपृष्ठानि सर्वश:।
शोभयन्ति रथश्रेष्ठं शक्रचापमिवाम्बरम्॥ १५॥
अनुवाद
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इन्द्रधनुष जैसे आकाश को सुन्दर बनाते हैं, उसी प्रकार जिनके पृष्ठभाग में सोना लगा हुआ है, ऐसे अनेक सुसज्जित धनुष उसके श्रेष्ठ रथ की सब ओर से शोभा बढ़ा रहे हैं।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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