रावण के भाई महापार्श्व का वध हो जाने पर, राक्षसों की वह समुद्र के समान विशाल सेना अपने हथियार फेंककर केवल जान बचाने के लिए भागने लगी, मानो महासागर फूटकर सब ओर बहने लगा हो।
इत्यार्षे श्रीमद्रामायणे वाल्मीकीये आदिकाव्ये युद्धकाण्डे सप्ततितम: सर्ग: ॥ ७ ०॥
इस प्रकार श्रीवाल्मीकिनिर्मित आर्षरामायण आदिकाव्यके युद्धकाण्डमें सत्तरवाँ सर्ग पूरा हुआ ॥ ७ ०॥