श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 70: हनुमान जी के द्वारा देवान्तक और त्रिशिरा का, नील के द्वारा महोदर का तथा ऋषभ के द्वारा महापार्श्व का वध  »  श्लोक 59
 
 
श्लोक  6.70.59 
 
 
स वेगवान् वेगवदभ्युपेत्य
तं राक्षसं वानरवीरमुख्य:।
संवर्त्य मुष्टिं सहसा जघान
बाह्वन्तरे शैलनिकाशरूप:॥ ५९॥
 
 
अनुवाद
 
  वानरवीरों के नेता ऋषभ का रूप पर्वत के समान था। वे बहुत तेज़ थे। उन्होंने तेज़ी से उस राक्षस के पास जाकर मुट्ठी बांधी और अचानक उसकी छाती पर प्रहार किया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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