श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 70: हनुमान जी के द्वारा देवान्तक और त्रिशिरा का, नील के द्वारा महोदर का तथा ऋषभ के द्वारा महापार्श्व का वध  »  श्लोक 56
 
 
श्लोक  6.70.56 
 
 
तं पुरस्तात् स्थितं दृष्ट्वा वानरं पर्वतोपमम्।
आजघानोरसि क्रुद्धो गदया वज्रकल्पया॥ ५६॥
 
 
अनुवाद
 
  ऋषभ ने विशाल पर्वत के समान अपने विशाल रूप को धारण किया। महापार्श्व उनकी ओर बढ़ा और अपने वज्र जैसी गदा से उसके सीने पर प्रहार किया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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