वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 6: युद्ध काण्ड
»
सर्ग 70: हनुमान जी के द्वारा देवान्तक और त्रिशिरा का, नील के द्वारा महोदर का तथा ऋषभ के द्वारा महापार्श्व का वध
»
श्लोक 56
श्लोक
6.70.56
तं पुरस्तात् स्थितं दृष्ट्वा वानरं पर्वतोपमम्।
आजघानोरसि क्रुद्धो गदया वज्रकल्पया॥ ५६॥
अनुवाद
play_arrowpause
ऋषभ ने विशाल पर्वत के समान अपने विशाल रूप को धारण किया। महापार्श्व उनकी ओर बढ़ा और अपने वज्र जैसी गदा से उसके सीने पर प्रहार किया।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.