वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 6: युद्ध काण्ड
»
सर्ग 70: हनुमान जी के द्वारा देवान्तक और त्रिशिरा का, नील के द्वारा महोदर का तथा ऋषभ के द्वारा महापार्श्व का वध
»
श्लोक 43
श्लोक
6.70.43
स तलाभिहतस्तेन स्रस्तहस्तायुधो भुवि।
निपपात महातेजास्त्रिशिरास्त्यक्तचेतन:॥ ४३॥
अनुवाद
play_arrowpause
त्रिशिरा को युधिष्ठिर के थप्पड़ लगते ही चेतना चली गई। उसका हथियार हाथ से छूट गया और वह स्वयं भी धराशायी हो गया।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.