श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 70: हनुमान जी के द्वारा देवान्तक और त्रिशिरा का, नील के द्वारा महोदर का तथा ऋषभ के द्वारा महापार्श्व का वध  »  श्लोक 40
 
 
श्लोक  6.70.40 
 
 
तां दृष्ट्वा घोरसंकाशां शक्तिं भग्नां हनूमता।
प्रहृष्टा वानरगणा विनेदुर्जलदा यथा॥ ४०॥
 
 
अनुवाद
 
  हनुमान जी ने उस भयानक शक्ति को तोड़ दिया जिससे वानर अत्यंत हर्षित हो उल्लसित हो उठे और वे मेघों के समान गंभीरता से गरज उठे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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