श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 70: हनुमान जी के द्वारा देवान्तक और त्रिशिरा का, नील के द्वारा महोदर का तथा ऋषभ के द्वारा महापार्श्व का वध  »  श्लोक 29
 
 
श्लोक  6.70.29 
 
 
ततो बाणमयं वर्षं नीलस्योपर्यपातयत्।
गिरौ वर्षं तडिच्चक्रचापवानिव तोयद:॥ २९॥
 
 
अनुवाद
 
   हाथी पर चढ़कर उसने नील की ओर बाणों की विकट वर्षा की, जैसे इन्द्रधनुष एवं बिजली के चमकते हुए बादल पर्वत पर जल की वर्षा करते हैं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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