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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 6: युद्ध काण्ड
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सर्ग 70: हनुमान जी के द्वारा देवान्तक और त्रिशिरा का, नील के द्वारा महोदर का तथा ऋषभ के द्वारा महापार्श्व का वध
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श्लोक 27
श्लोक
6.70.27
तस्मिन् हते राक्षसयोधमुख्ये
महाबले संयति देवशत्रौ।
क्रुद्धस्त्रिशीर्षा निशितास्त्रमुग्रं
ववर्ष नीलोरसि बाणवर्षम्॥ २७॥
अनुवाद
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त्रिशिरा ने राक्षसों के श्रेष्ठ योद्धा महाबली देवान्तक के युद्ध में मारे जाने पर अत्यंत क्रोधित होकर नील की छाती पर तीखे बाणों की भयंकर वर्षा कर दी।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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