श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 70: हनुमान जी के द्वारा देवान्तक और त्रिशिरा का, नील के द्वारा महोदर का तथा ऋषभ के द्वारा महापार्श्व का वध  »  श्लोक 23
 
 
श्लोक  6.70.23 
 
 
स विजृम्भितमालोक्य हर्षाद् देवान्तको बली।
परिघेणाभिदुद्राव मारुतात्मजमाहवे॥ २३॥
 
 
अनुवाद
 
  देवान्तक ने अपने भाई हनुमानजी के युद्ध में पराक्रम को देखकर बड़ी प्रसन्नता हुई और उसने अपने हाथ में परिघ लेकर युद्धस्थल में हनुमानजी पर हमला किया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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