श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 69: रावण के पुत्रों और भाइयों का युद्ध के लिये जाना और नरान्तक का अङ्गद के द्वारा वध  »  श्लोक 83
 
 
श्लोक  6.69.83 
 
 
स भर्तुर्वचनं श्रुत्वा निष्पपाताङ्गदस्तदा।
अनीकान्मेघसंकाशादंशुमानिव वीर्यवान्॥ ८३॥
 
 
अनुवाद
 
  स्वामी के इस आदेश को सुनकर बलवान अंगद उस समय मेघों की घटा के समान प्रतीत हो रही वानर-सेना से उसी प्रकार निकले, जिस तरह सूर्यदेव बादलों के पीछे से प्रकट हो रहे हैं॥ ८३॥
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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