श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 69: रावण के पुत्रों और भाइयों का युद्ध के लिये जाना और नरान्तक का अङ्गद के द्वारा वध  »  श्लोक 71
 
 
श्लोक  6.69.71 
 
 
ज्वलन्तं प्रासमुद्यम्य संग्रामाग्रे नरान्तक:।
ददाह हरिसैन्यानि वनानीव विभावसु:॥ ७१॥
 
 
अनुवाद
 
  जैसे सूरज की किरणें सूखे जंगलों को जलाकर राख कर देती हैं, उसी प्रकार प्रज्वलित प्रास लिये युद्ध के मुहाने पर नरान्तक ने वानर-सेनाओं को दग्ध करना प्रारम्भ कर दिया।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.