श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 69: रावण के पुत्रों और भाइयों का युद्ध के लिये जाना और नरान्तक का अङ्गद के द्वारा वध  »  श्लोक 68
 
 
श्लोक  6.69.68 
 
 
ददृशुश्च महात्मानं हयपृष्ठप्रतिष्ठितम्।
चरन्तं हरिसैन्येषु विद्याधरमहर्षय:॥ ६८॥
 
 
अनुवाद
 
  विद्याधरों और महर्षियों ने देखा कि वह महामनस्वी वीर घोड़े की पीठ पर बैठा हुआ वानरों की सेना के बीच विचर रहा है।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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